Thursday, September 24, 2015

पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है?

पॉलीग्राफ को लाई डिटेक्टर कहा जाता है. इसमें ब्लड प्रेशर, पल्स, साँस की गति और त्वचा पर आ रहे बदलाव से व्यक्ति के व्यवहार को जानने की कोशिश की जाती है. हमारे कानून इसके द्वारा हासिल की गई जानकारी को साक्ष्य नहीं मानते. इसका केवल जाँच को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है.

विश्व की सबसे बड़ी लॉटरी कौन सी है?

स्पेन की क्रिसमस लॉटरी को दुनिया की सबसे बड़ी लॉटरी माना जाता है. पिछले साल यानी 2012 की क्रिसमस लॉटरी में मुख्य जैकपॉट 72 करोड़ यूरो यानी तकरीबन छह हजार करोड़ रुपए का था. इसमें पाँच संख्याओं वाले नम्बर की अनेक सीरीज़ होती हैं. मसलन 00001 नम्बर की 180 सीरीज़ थीं. इस प्रकार कोई भी इनाम 180 हिस्सों में बँटता है. सन 2011 में 58268 नम्बर का जैकपॉट निकला, जिसमें 180 विजेताओं में प्रत्येक को 40 लाख यूरो (लगभग 32 करोड़ रुपए) मिले.

क्या सऊदी अरब में सिनेमाघर नहीं हैं?

सऊदी अरब में सत्तर के दशक में सिनेमा पर पाबंदी लगा दी गई थी. पर 6 जून 2009 से वहाँ फिल्में फिर से दिखाई जा रहीं हैं. नवम्बर 2010 में वहाँ पहला सिनेमाघर खुला.

हमारा दिल एक मिनट में कितनी बार धड़कता है?

आमतौर पर आराम की स्थिति में 60 से 80 बीपीएम यानी बीट्स पर मिनट.

अंतरराष्ट्रीय जल सीमा कैसे तय की जाती है?

अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से आपका आशय अलग-अलग देशों की समुद्री सीमा से है. उसके बाहर अंतरराष्ट्रीय जल होता है. राष्ट्रीय सीमाएं भी कई प्रकार की होती हैं. मसलन एक है बेस लाइन, दूसरी सीमा क्षेत्र, तीसरी फिशिंग लिमिट और चौथी आर्थिक क्षेत्र या इकोनॉमिक जोन. सामान्यतः 12 नॉटीकल मील के टेरीटोरियल बॉर्डर तक कोई देश अपनी सम्प्रभुता का दावा कर सकता है और किसी विदेशी जहाज को नियंत्रित कर सकता है. देशों की यह सीमा संयुक्त राष्ट्र सागर कानून समझौते के अंतर्गत निर्धारित होती है.

वेंटीलेटर यानी लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम क्या है.. ये कैसे काम करता है..?

वेंटीलेटर कृत्रिम साँस लेने की मशीन है. जब व्यक्ति बीमारी की हालत में खुद साँस नहीं ले पाता तब उसे साँस देने का काम यह मशीन करती है. नाक के ऊपर मास्क लगाकर एक टर्बाइन या कॉम्प्रैसर के मार्फत हवा का दबाव बनाया जाता है ताकि वह कम से कम प्रयास के फेफड़ों में चली जाए.

महिलाओं को मताधिकार देने वाला पहला देश कौन सा है?

सन 1893 में महिलाओं को वोट का अधिकार देने वाला पहला देश न्यूज़ीलैंड बना.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Tuesday, September 22, 2015

पहली मिस इंडिया कौन थीं?

पहली मिस इंडिया कौन थीं? अब तक कितनी मिस इंडिया विश्व सुंदरी बनी हैं..?

माना जाता है कि पहली मिस इंडिया एस्थर अब्राहम थीं, जो 1947 में चुनी गईं. उन्होंने प्रमिला नाम से फिल्मों में भी काम किया. अलबत्ता पहली बार मिस युनीवर्स में भारत की ओर से भाग लेने 1952 में गईं इन्द्राणी रहमान. मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में पहली बार 1959 में हिस्सा लेने गईं फ्लोर एज़ीकेल. 1966 में पहली बार किसी भारतीय स्त्री को विश्व प्रतियोगिता जीतने का मौका मिला जब रीता फारिया मिस वर्ल्ड बनीं. इसके बाद 1994 में ऐश्वर्या राय, 97 में डायना हेडेन, 99 में युक्ता मुखी और 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं. इसी तरह1994 में सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता मिस युनीवर्स बनीं. सन 2010 में निकोल फारिया मिस अर्थ बनीं. मिस एशिया पैसिफिक में भी भारतीय सुन्दरियों को पुरस्कार मिले हैं. सन 1970 में ज़ीनत अमान, 1973 में तारा अन्ना फोनेस्का और 2000 में दिया मिर्ज़ा मिस एशिया पैसिफिक बनीं. अब तक कि भारतीय विश्व सुंदरियों की सूची लम्बी बनेगी. यों भी विश्व सुंदरी की कोई एक प्रतियोगिता नहीं होती.

हमें हिचकी क्यों आती है?


हिचकी का कारण होता है अचानक डायफ्राम में ऐंठन आना. फेफड़ों में अचानक हवा भरने से कंठच्छद(एपिग्लॉटिस) बंद हो जाता है. इससे हिच या हिक् की आवाज आती है. इसीलिए इसें अंग्रेजी में हिक-अप कहते हैं. हिचकी जब आती है तब कई बार आती है. हिचकी एक शारीरिक दोष के कारण भी आती है. उसे सिंग्युलटस कहते हैं. हिचकी आने की कई वजहें हैं. जल्दी-जल्दी खाना, बहुत गर्म या तीखा खाना, हँसना, खाँसना भी हिचकी का कारण बनता है. शराब पीने और धूम्रपान से भी आती है. इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस भी हिचकियाँ पैदा करता है. श्वसन पर रिसर्च करने वाले एक ग्रुप का कहना है कि मानव शरीर के विकास का एक लक्षण हिचकी है. पानी के अंदर रहने वाला मेढक पानी और हवा को उसी तरह घुटकता है जैसे हम हिचकी लेते हैं. अक्सर समय से पहले जन्मे शिशु जन्म लेते ही कुछ समय तक हिचकियाँ लेते हैं. हिचकियाँ काफी छोटे समय तक रहतीं हैं. पानी पीने से शरीर की सामान्य क्रिया जल्द वापस आ जाती है.

क्या बरसात में नदियों की तरह समंदर में भी पानी बढ़ जाता है..?

समुद्र में पानी की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि उसमें बढ़ना घटना आप समझ नहीं पाएंगे. दूसरे जो पानी बारिश बनकर गिरता है वह भी समुद्र से भाप बनकर उठता है. वापस वह फिर समुद्र में पहुँच जाता है. इसका एक चक्र है, जो चलता रहता है. कभी यहाँ बारिश होती है, कभी ऑस्ट्रेलिया में और कभी यूरोप में. अलबत्ता धरती के लगातार गर्म होने और ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र स्तर बढ़ रहा है। हाल में खबर थी कि अगले सौ साल में मुम्बई का काफी बड़ा इलाका पानी में चला जाएगा.

क्या सफेद बाघ की तरह सफेद हाथी भी होते हैं? क्या खासियत होती है इनकी?

दक्षिण पूर्व एशिया के थाईलैंड, म्यांमार, लाओस और कम्बोडिया आदि में सफेद हाथी भी मिलते हैं. इनकी संख्या कम होने के कारण इन्हें महत्वपूर्ण माना जाता है. राजा महाराजा ही इन्हें रखते हैं. हिन्दू परम्परा में सफेद हाथी ऐरावत है इन्द्र की सवारी. पवित्र होने के नाते इस इलाके में सफेद हाथियों से काम भी नहीं कराते. हाथी रखना यों भी खर्चीला काम है, इसलिए सफेद हाथी एक मुहावरा बन गया है.

क्या धरती के नीचे भी झील होती हैं? विश्व में ऐसी कौन सी झील है ?

जमीन की सतह के नीचे भी पानी होता है. हम जिसे ट्यूब वैल का पानी कहते हैं वह भूगर्भीय जल है. यह पानी भी झील की शक्ल में जमा रहता है. जमीन के नीचे चट्टानों के बीच झीलें बन जाती हैं. इन्हें अंग्रेजी में एक्वीफर कहते है. अनेक नदियाँ इन झीलों से निकलती हैं. जमीन के नीचे की इन झीलों में बरसात का और नदियों का या ग्लेशियरों का पानी जमा होता है. ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट आर्टेसियन बेसिन सम्भवतः दुनिया की सबसे बड़ी भूगर्भीय झील है. यह तकरीबन 17 लाख वर्ग किलोमीटर एरिया में फैली है. इसी तरह लैटिन अमेरिका का गुआरानी एक्वीफर ब्राज़ील, अर्जेंटीना, पैराग्वे और उरुग्वे के नीचे बना है. केन्द्रीय भूगर्भीय जल बोर्ड ने भारत के एक्विफरों की एटलस जारी की है, जिसमें 14 मुख्य और 42 प्रमुख झीलों का विवरण है. अभी विवरण खोजे ही जा रहे हैं.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Sunday, September 13, 2015

पहले कौन आया पेंसिल या पेन?



यह सच है कि आज से चार हजार साल पहले हमारे पूर्वज सरकंडे की कलम को स्याही में डुबाकर लिख रहे थे। इस लिहाज से वह पेन था। सन 1795 में ग्रेफाइट के पाउडर और मिट्टी को मिलाकर सख्त पेंसिल की ईज़ाद फ्रांसीसी रसायन शास्त्री निकोलस याकस कोंतें ने की। सन 1800 के आसपास बाँस में पेंसिल की बत्ती को डालकर पेंसिल बनाई थी। यों पहला फाउंटेन पेन 1883 में बना। पर दूसरे अर्थ में देखें तो पेंसिल सबसे पुरानी है। जब इंसान लिखना नहीं जानता था वह जली हुई लकड़ी के कोयले या चारकोल से गुफाओं में तस्वीरें बनाने लगा थाजो पेंसिल ही थीं। 

ज्वालामुखी कब और कैसे फूटते हैं? क्या भारत में ज्वालामुखी हैं?
ज्वालामुखी क्या होते हैं वे और क्यों सक्रिय हो जाते हैं, यह समझने के लिए धरती की संरचना को समझना चाहिए। पृथ्वी की सतह से उसके केन्द्र की कुल दूरी औसतन लगभग 3960 मील है। धरती की बाहरी सतह ठोस है। इस ठोस सतह पर ही समुद्र हैं। इस सतह के नीचे उच्च तापमान पर पिघला लावा है। बाहरी सतह के हम क्रस्ट या पर्पटी कहते हैं। यह क्रस्ट पूरी तरह एक साथ जुड़ी नहीं है, बल्कि कई जगह से खंडित है। एक तरह से खौलते तरल लावा के ऊपर भूमि के खंड तैरते हैं। इन खंडों को प्लेट्स कहते हैं। दुनिया के नक्शे पर कम से कम सात बड़ी प्लेटें हैं। अंदर के दबाव के कारण इन प्लेटों में टकराव होता है तो भूकम्प आते हैं और ज्वालामुखी भी सक्रिय होते हैं। ज्वालामुखी धरती पर बने ऐसे सूराख हैं, जहां से पिघली हुई चट्टान, गरम चट्टानों के टुकड़े, गैस, राख और भाप बाहर आती है।

भारत के दो सबसे खतरनाक ज्वालामुखी अंडमान निकोबार द्वीप पर हैं। इनमें से एक बैरन वन है। 2004 में आई सुनामी के दौरान बैरन वन फट गया था। इस दौरान इसके 500 मीटर ऊंचे क्रेटर से लावा निकलने लगा था। इसी के मिलते जुलते नाम वाला ज्वालामुखी है बैरन आयलैंड। अंडमान में ही तीसरा बड़ा ज्वालामुखी है नारकोंडम। जिसे पहले खत्म मान लिया गया था। जून 2005 में इस ज्वालामुखी से कीचड़ और धुआं निकलता देखा गया था। इससे पहले 100 साल तक इसमें कोई गतिविधि नहीं हुई थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती पर सबसे ज्यादा खतरनाक ज्वालामुखी तंबोरा है। जो इंडोनेशिया में मौजूद है। हिंद महासागर में सबसे ज्यादा ताकतवर ज्वालामुखी पिंटो दे ला फॉर्नेस है, जो रियूनियन द्वीप पर है। धरती का सबसे बड़ा ज्वालामुखी मौना लोआ को माना जाता है। जो हवाई द्वीप में है।



Thursday, September 10, 2015

पर्स रखने और बेल्ट बाँधने का चलन कब से और कहाँ से शुरू हुआ?

शब्द बटुआ या वॉलेट सैकड़ों साल से प्रचलन में है. आज आप जो चमड़े का पर्स जेब में रखते हैं वह भी यूरोप में अठारहवीं सदी के अंतिम वर्षों में प्रचलन में आ गया था. पुराने ज़माने में इसमें सिक्के रखे जाते थे. कागज़ के नोटों का चलन सातवीं से ग्यारहवीं सदी के बीच चीन में शुरू हुआ. हमारे देश में पुरानी पोटली मध्य युग में डोरी लगे बटुए का रूप ले चुकी थी. जहाँ तक पेटी या बेल्ट का प्रश्न है, यह भी पुराने कमरबंद का नया रूप है. इसका इस्तेमाल इंसान ने ताम्रयुग से शुरू कर दिया था. आधुनिक चमड़े की बेल्ट का इस्तेमाल उन्नीसवीं सदी में फौजी वर्दी के साथ शुरू हुआ था.

दिल्ली को दिल्ली एनसीआर क्यों कहते हैं?


दिल्ली को कई तरह से जाना जाता है. एक है दिल्ली का केन्द्र शासित क्षेत्र. दूसरा है एनसीटी यानी नेशनल कैपिटल टैरीटरी. यह दिल्ली शहर की भौगोलिक सीमा है. तीसरा है एनसीआर नेशनल कैपिटल रीजन. इसके अंतर्गत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ इलाके एनसीआर में शामिल किए गए हैं. सन 1962 में जब दिल्ली का पहला मास्टर प्लान जारी हो रहा था तब इसकी अवधारणा तैयार की गई थी. इसका उद्देश्य था कि दिल्ली के इर्द-गिर्द शहरीकरण किया जाए ताकि दिल्ली पर दबाव न पड़े. इस समय एनसीआर क्षेत्र की 2करोड़ 21 लाख के ऊपर है. सन 1985 में नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड अधिनियम पास किया गया, जिसके तहत इसे कानूनी रूप दिया गया. 

ईरानी कप का इतिहास बताएं. यह किस खेल से जुड़ी है?

जिसे पहले ईरानी ट्रॉफी कहा जाता था अब ईरानी कप है. रणजी ट्रॉफी की विजेता टीम और शेष भारत की टीम के बीच मैच के विजेता को यह कप मिलता है. इसका पहला मैच सन 1959-60 में रणजी ट्रॉफी के 25 साल पूरे होने पर हुआ था. यह प्रतियोगिता बीसीसीआई के पूर्व पदाधिकारी ज़ाल ईरानी के नाम पर शुरू हुई थी, जो सन 1928 में बीसीसीआई की स्थापना से लेकर 1970 में निधन होने तक इससे जुड़े रहे. शुरूआत में यह मैच भारतीय क्रिकेट सीज़न के अंत में खेला जाता था, पर सन 1965-66 से सीज़न की शुरूआत ईरानी कप से होने लगी. पर सन 2013 से यह मैच रणजी ट्रॉफी के फाइनल के फौरन बाद होने लगा है. यानी अब यह फिर से सीजन के अंत में होने लगा है. सन 2014-15 में इस कप को कर्नाटक की टीम ने जीता.

स्ट्रीट लाइट की परम्परा कब और कहाँ शुरू हुई?

स्ट्रीट लाइट की ज़रूरत शहरों के विकास के साथ महसूस हुई होगी. यूरोप में ग्रीक और रोमन शहरों में मशालों और लैम्पों की मदद से सड़कों पर रोशनी की गई. पुराने जमाने के मिट्टी के बने लैम्प भी मिलते हैं.

सबसे पहले थिएटर की शुरूआत कहाँ हुई? नाटक और नौटंकी में फर्क क्या है?

दुनिया में रंगमंच का इतिहास लगभग उतना पुराना है जितनी पुरानी सभ्यता है. गीत, संगीत और अभिनय के संयोग से बनी इस सम्पूर्ण कला में साहित्य का योगदान भी था. यूरोप में यूनान के नगर राज्यों में ऐसे रंगमंच बनाए गए, जिनमें सैकड़ों-हजारों दर्शक बैठ सकते थे. प्राचीन रोम में भी रंगमंच की परम्परा थी. प्राचीन भारत में संस्कृत के नाटक लिखे और खेले गए. भरत मुनि का नाट्यशास्त्र इसका उदाहरण है कि रंगमंच को हमारे पूर्वजों ने कला के रूप में विकसित किया. नाटक और नौटंकी के फर्क केवल शैली का फर्क है. नाटक खेलने की अनेक शैलियाँ हैं. भारतीय मंच की लोक कलाओं में कुछ हैं स्वांग, यक्षगान, भवाई, छऊ, भांड, कथाकली, रासलीला, रामलीला और नौटंकी वगैरह. देश में उन्नीसवीं सदी के अंत में और बीसवीं सदी के शुरू में पारसी थिएटर के नाम से आधुनिक शैली के नाटक शुरू हुए.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Thursday, September 3, 2015

फूलों में अलग-अलग खुशबू और रंग कहां से आते हैं?

रासायनिक यौगिकों का एक गुण गंध भी है. फूलों में ही नहीं आप जीवन के प्रायः तमाम तत्वों में गंध पाते हैं. आपको भोजन, शराब, फलों, मसालों, सब्जियों वगैरह में गंध मिलती है. फूल देखने में ही सुन्दर नहीं होते उनमें खुशबू भी होती है. हालांकि सभी फूलों में खुशबू नहीं होती. कुछ फूल गंधहीन होते हैं और कुछ दुर्गंध भी देते हैं. गुलाब की खुशबू जेरनायल एसीटेट नामक रासायनिक यौगिक के कारण होती है. चमेली की खुशबू नेरोलायडॉल के कारण होती है. पुराने ज़माने में फूलों से ही इत्र बनता था. फूलों की मुख्य भूमिका प्रजनन में है. एक फूल से पराग कण दूसरे में जाते हैं. इसमें हवा के अलावा मधुमक्खियों, तितलियों तथा इसी प्रकार के दूसरे प्राणियों की होती है. उन्हें आकर्षित करने में भी इनके रंग और सुगंध की भूमिका होती है.

फूलों के रंग और खुशबू के अलावा यह जानना रोचक होगा कि फूल कब से धरती में उग रहे हैं. हाल में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पौधा खोज निकाला है जिसे दुनिया का 'पहला फूलों वाला पौधा' कहा जा सकता है. वनस्पति शास्त्रियों को मिला ये पौधा 'मॉन्टेशिया विदाली' प्रजाति का है. माना जा रहा है कि इस प्रजाति के पौधे 12 करोड़ 50 लाख वर्ष से भी अधिक समय पहले स्पेन की ताजा पानी के झील में उगते थे. विज्ञानियों ने 'मॉन्टेशिया विदाली' के 1,000 से भी अधिक जीवाश्मों का अध्ययन किया. यह पौधा पानी के नीचे रहता था. इसपर कोई पंखुड़ी नहीं थी और यह तालाब में उगने वाले खरपतवार की तरह दिखता है. इसपर एक बीज वाला फल लगा दिखाई देता है. इस पौधे से हमें ये समझने में मदद मिलेगी कि फूल और पौधे किस तरह विकसित हुए और दुनिया भर में छा गए.

दुनिया का सबसे पुराना शहर कौन सा है? उसका इतिहास क्या है?

दुनिया के कई शहर और देश सबसे पुराना होने का दावा करते हैं. इनमें सीरिया का दमिश्क, लेबनॉन का बाइब्लोस, अफगानिस्तान का बल्ख और फलस्तीन के जेरिको का नाम भी है. पर मैं अपने वाराणसी का नाम लेना चाहूँगा, जो सम्भवतः दुनिया के उन सबसे पुराने शहरों में एक है जो आज भी आबाद हैं. जनश्रुति है कि इसे भगवान शिव ने बसाया, पर इसमें दो राय नहीं कि यह शहर तीन से चार हजार साल पुराना है. मार्क ट्वेन ने इस शहर के बारे में लिखा है, ‘ बनारस, इतिहास से पुराना, परम्पराओं से पुराना, किंवदंतियों से पुराना है और इन सबको मिलाकर भी उनसे दुगना पुराना है.’

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI किसे कहते हैं ?

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश माने किसी देश के कारोबार या उद्योग में दूसरे देश की कम्पनियों द्वारा किया पूँजी निवेश. यह काम किसी कम्पनी को खरीदकर या उसकी हिस्सेदारी खरीदकर या कोई नई कम्पनी बनाकर भी किया जा सकता है.

सुपरमैन क्या है? इसकी कल्पना किसने की?

सुपरमैन एक काल्पनिक चरित्र है, जिसकी कथाएं कॉमिक्स के रूप में छापी जाती है. इसे एक अमेरिकी प्रतीक माना जाता है. सन 1932 में इसकी रचना जैरी सीगल और जो शुस्टर दो किशोरों ने की थी जब वे क्लीवलैंड, ओहायो में रहते थे और स्कूल में पढ़ते थे. उन्होंने इस चरित्र के अधिकार डिटेक्टिव कॉमिक्स को बेच दिए थे. इसका पहला प्रकाशन सन 1938 में एक्शन कॉमिक्स #1 में हुआ था. इसके बाद यह चरित्र टेलिविजन और रेडियो आदि पर भी अवतरित हुआ. यह अब तक के रचे गए सबसे लोकप्रिय चरित्रों मे से एक है. सुपरमैन नीले रंग का परिधान पहनता है. उसके सीने पर लाल रंग की ढाल बनी होती है, जिसपर लिखा होता है एस. उसकी मूल कथा यह है कि उसका जन्म क्रिप्टॉन ग्रह पर हुआ था जहाँ उसका नाम था कैल-एल. यह क्रिप्टॉन ग्रह नष्ट हो रहा था कि उसके वैज्ञानिक पिता ने इस शिशु को रॉकेट पर रखकर धरती की ओर भेज दिया. यह बच्चा कैनसस के किसान र उसकी पत्नी को मिला. उन्होंने इसे पाला और इसका नाम रखा क्लार्क कैंट. इस बच्चे को उन्होंने गहरी नैतिक शिक्षा दी. इस बच्चे में शुरूआत से ही विलक्षण शक्तियाँ थीं, जिनका इस्तेमाल उसने अच्छे कार्यों में किया. सुपरमैन अमेरिका के एक काल्पनिक नगर मेट्रोपोलिस में रहता है. क्लार्क कैंट के रूप में वह मेट्रोपोलिस के अखबार डेली प्लेनेट में काम करता है.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
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