Friday, January 29, 2016

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए ‘नेताजी’ शब्द कब, किसने और क्यों इस्तेमाल किया?

कुछ लोग कहते हैं कि अनुसार सुभाष बोस को सबसे पहले रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने नेताजी का संबोधन दिया। इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। उनके नाम का प्रचलन 1942 में हुआ, जबकि रवीन्द्रनाथ ठाकुर का निधन 1941 में हो गया था। सन 1940 के अंत में सुभाष बोस के मन में देश के बाहर जाकर स्वतंत्रता दिलाने की योजना तैयार हो चुकी थी। वे पेशावर और काबुल होते हुए इतालवी दूतावास के सहयोग से अनेक 28 मार्च 1941 को बर्लिन (जर्मनी) पहुँचे। बर्लिन में उन्होंने स्वतंत्र भारत केन्द्र की स्थापना की। यहाँ उन्होंने सिंगापुर तथा उत्तर अफ्रीका से लाए गए भारतीय युद्धबंदियों को एकत्र करके सैनिक दल का गठन किया। इस सैनिक दल के सदस्य सुभाष को ‘नेताजी’ के नाम से संबोधित करते थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि हिटलर ने उन्हें यह संबोधन दिया। पर भारतीय नाम नेताजी तो कोई भारतीय ही दे सकता है। सुभाष ने नियमित प्रसारण हेतु आज़ाद हिंद रेडियो की शुरुआत करवाई। अक्तूबर 1941 से इसका प्रसारण प्रारम्भ हुआ, यहाँ से भारतवासियों तथा पूर्वी एशिया के भारतीयों के लिए अंग्रेजी, हिन्दुस्तानी, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, फ़ारसी व पश्तो इन सात भाषाओं में संस्था की गतिविधियों का प्रसारण किया जाता था। उधर फरवरी 1942 में अंग्रेज सेना ने सिंगापुर में जापानी सैनिकों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इनमें भारतीय सेना के अधिकारी और पाँच हज़ार सैनिक थे जिन्हें जापानी सेना ने बंदी बना लिया था। इन्हीं सैनिकों ने आजाद हिंद फौज तैयार की। सुभाष जर्मनी बोस को तार भेजकर जर्मनी से पूर्वी एशिया में आकर भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन का नेतृत्व स्वीकार करने हेतु बुलाया गया। 8 फरवरी 1943 को जर्मनी से आबिद अली हसन के साथ एक पनडुब्बी में सवार होकर 90 दिन की खतरनाक यात्रा कर 6 मई को सुमात्रा के पेनांग फिर वहाँ से 16 मई 1943 को तोक्यो पहुँचे। 21 जून 1943 को नेताजी ने तोक्यो रेडियो से भाषण दिया। देश का सबसे प्रसिद्ध नारा ‘जैहिन्द’ नेताजी ने ही दिया था।

पश्चिम बंगाल राज्य भारत के पूर्वी भाग में स्थित है तो यह पश्चिमी बंगाल कैसे है? पूर्वी बंगाल क्यों नहीं?

आज हम जिसे पश्चिम बंगाल कहते हैं वह समूचे बंगाल का एक हिस्सा है। सन 1757 की प्लासी लड़ाई में ईस्ट इंडिया कम्पनी की जीत से अंग्रेजी शासन को बुनियादी आधार मिला। अंग्रेजी शासन ने शुरू में कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। बीसवीं सदी के प्रारम्भ में वायसराय लॉर्ड कर्जन ने प्रशासनिक कारणों से बंगाल को दो हिस्सों में बाँटने का फैसला किया। इसके पीछे जो भी कारण रहा हो, पर यह स्पष्ट था कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र पूर्वी बंगाल बना और हिन्दू बहुल क्षेत्र पश्चिमी बंगाल। 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल का विभाजन हुआ। बंग भंग की इस कारवाई ने भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन की चिंगारी जला दी। विभाजन का भारी विरोध हुआ, पर वह टला नहीं। सन 1906 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने आमार शोनार बांग्ला... गीत लिखा, जो सन 1972 में बांग्लादेश का राष्ट्रगीत बना। बहरहाल 1947 में देश के विभाजन के बाद भी बंगाल विभाजित रहा। पूर्वी बंगाल, पूर्वी पाकिस्तान बना और पश्चिमी बंगाल भारत में रहा। वह नाम अबतक चला आ रहा है।

टीवी की टीआरपी से अभिनेताओं और निर्माताओं को क्या पायदा होता है?

टारगेट रेटिंग पॉइंट(टीआरपी) का उद्देश्य टेलीविज़न के दर्शकों की संख्या का अनुमान लगाना है। इसका सबसे प्रचलित तरीका है फ्रीक्वेंसी मॉनीटरिंग। कुछ सैम्पल घरों में पीपुल मीटर लगाए जाते हैं, जो टीवी पर देखे जा रहे कार्यक्रमों की फ्रीक्वेंसी दर्ज करते हैं। इसे डिकोड करके पता लगाया जाता है कि किस चैनल को कितना देखा गया। अब फ्रीक्वेंसी की जगह तस्वीर को रिकॉर्ड करने की तकनीक भी स्तेमाल में लाई जा रही है। भारत में इंडिया टेलीविज़न ऑडियंस मैज़रमेंट या इनटैम इस काम को करती थी। पहले टैम (TAM) नाम की संस्था, हर हफ्ते टीआरपी देती थी। अब टैम की जगह Broadcast Audience Research (BARC) नाम की एजेंसी ने टीआरपी देनी शुरू की है। इसका उद्देश्य विज्ञापनदाताओं को यह बताना है कि किस चैनल की और किस कार्यक्रम की ज्यादा लोकप्रियता है। जाहिर है कि कार्यक्रमों के प्रस्तोता बेहतर टीआरपी की मदद से ज्यादा विज्ञापन हासिल करना चाहते हैं।

2 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " बीटिंग द रिट्रीट 2016 - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. जानकारी से भरी पोस्ट ।
    आपके ब्लॉग को यहाँ शामिल किया है ।
    http://pksahni.blogspot.com

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