Saturday, February 17, 2018

दुनिया का पहला संचार उपग्रह

सन 1960 में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने गुब्बारे के आकार का एक उपग्रह इको-1 (Echo-1) छोड़ा था, जो दुनिया का पहला संचार उपग्रह था। यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में करीब 1600 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थापित हुआ था। स्थापना के बाद फुलाकर इसका आकार करीब 30 मीटर (100 फुट) कर दिया गया। यह बैलून मायलार (Mylar ) नाम की सामग्री से बना था। मायलार पर अल्युमिनियम की कोटिंग की गई थी, जिससे वह किरणों और तरंगों के परावर्तित करती थी।

धरती से भेजे गए रेडियो सिग्नल उपग्रह की सतह से परावर्तित होकर धरती पर वापस आते, पर वे ट्रांसमिशन केंद्र से काफी दूर तक पहुँच जाते। इससे संचार उपग्रहों की अवधारणा का विकास हुआ। इको-1 ने अमेरिका और यूरोप के बीच काफी अरसे तक ध्वनि, संगीत और चित्रों का प्रसारण किया। सन 1968 में यह उपग्रह आकाश से गायब हो गया।

कंक्रीट और सीमेंट क्या एक ही चीज है?
नहीं, ये दो अलग-अलग चीजें हैं। अक्सर जब लोग सीमेंट की दीवार या सीमेंट की सड़क कहते हैं, तब उनका आशय कंक्रीट से होता है। कंक्रीट और सीमेंट दोनों ही इमारती सामग्रियाँ हैं, पर दोनों एक ही चीज नहीं हैं। सीमेंट उस मिश्रण का एक हिस्सा है, जिसे कंक्रीट कहते हैं। सीमेंट को चूने और सिलिका से बनाया जाता है। सीमेंट में ये दोनों चीजें करीब 85 फीसदी होती हैं। इसके अलावा उसमें कैल्शियम, आयरन, अल्युमिनियम और कुछ दूसरी चीजें भी हो सकती हैं।

बड़ी भट्ठियों में इस मिश्रण को तेज तापमान (करीब 2,700 से 3,000 डिग्री फैरेनहाइट) पर मिलाया जाता है। इसके बाद जो चीज बनती है उसे क्लिंकर कहते हैं। क्लिंकर छोटी गोलियों की शक्ल में होता है। इन गोलियों को पीसकर पाउडर बनाया जाता है और इसमें जिप्सम मिलाया जाता है। यह होता है सीमेंट। सीमेंट में जब पानी मिलाया जाता है तो रासायनिक क्रिया होती है और सूखने के बाद यह पेस्ट कड़ा हो जाता है। वस्तुतः सीमेंट चीजों को जोड़ने का काम करता है।

सीमेंट भी दो प्रकार का होता है। एक, हाइड्रॉलिक और दूसरा, नॉन-हाइड्रॉलिक। हाइड्रॉलिक सीमेंट पानी की मदद से कड़ा होता है। यह कड़ा होता जाता है और अंत में इसपर पानी का असर बंद हो जाता है। ऐसा सीमेंट उन जगहों के लिए उपयोगी होता है, जहाँ पानी काफी हो। नॉन-हाइड्रॉलिक सीमेंट पानी मिलाने पर कड़ा नहीं होता। आमतौर पर प्रचलत सीमेंट को पोर्टलैंड या ऑर्डिनरी पोर्टलैंड सीमेंट कहते हैं। यह इमारतों के निर्माण के काम में आने वाला हाइड्रॉलिक सीमेंट है। इसे 18वीं सदी में ब्रिटेन के जोसफ एस्पडीन ने बनाया था।

इस श्रेणी के सीमेंट की भी कई किस्में होती हैं। कंक्रीट में सीमेंट, पानी और कुछ दूसरी चीजों जैसी रोड़ी-बजरी, रेत और पत्थरों का मिश्रण होता है। इनकी मात्रा जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा होती है। निरंतर कठोर बने रहने की क्षमता के कारण कंक्रीट दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाली निर्माण सामग्री है।

ई-मेल को डिलीट कर देने के बाद वह कहाँ चली जाती है?
ई-मेल आपके मेल बॉक्स से तो हट जाती है, पर वह पूरी तरह खत्म नहीं होती, बल्कि उसकी जगह बदल जाती है। कम्यूटर के नजरिए से वस्तुतः कोई भी चीज डिलीट नहीं होती। जब कोई चीज लिखी जाती है, तो उसे मिटाया नहीं जाता, बल्कि उसके ऊपर दूसरी चीज लिख दी जाती है। यानी ओवरराइट हो जाती है। जब आप अपना ई-मेल डिलीट करते हैं या कम्यूटर के रिसाइक्लिंग बिन की फाइलों को डिलीट करते हैं, तो आप उन्हें देखना बंद कर देते हैं और उसके ऊपर नया डेटा आ जाता है। कम्प्यूटर विशेषज्ञ ऐसे डेटा को भी रिकवर कर सकते हैं, जो डिलीट कर दिया गया है। हाँ यह संभव है कि उसमें कुछ खराबी आ जाए। 
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

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